सामान्य नियम एवं निर्देश
General rules and instructions
सत्र जून माह से प्रारम्भ होता है ।
- . प्रवेश के लिए आवेदन महाविद्यालय कार्यालय से प्राप्त विहित प्रपत्र में होना आवश्यक है | प्रवेश हेतु आवेदन करते समय अभ्यर्थी को आवेदन प्रपत्र के साथ अंतिम छोड़े हुए संस्थान के परित्याग प्रमाण पत्र की अभिप्रमाणित प्रतिलिपि संलग्न करना आवश्यक है ।
प्रवेश हेतु चयन में राज्य सरकार के नामांकन से सबंधित नियमो के अनुरूप आरक्षण दिया जायेगा । आरक्षित स्थान पर प्रवेश हेतु अभ्यर्थी के द्वारा आवेदन प्रपत्र के साथ क्रम संख्या 2 में अंकित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त संबंधित प्रमाण पत्र की अभिप्रमाणित प्रतिलिपि को संलग्न करना आवश्यक है ।
. प्रवेश मेधा सूची के आधार पर दिया जायेगा। यह अभ्यर्थी के प्राप्तांकों पर आधारित होगा ।
द्वारा समर्पित अंतिम उत्तीर्ण परीक्षा के
प्रवेश के समय अभ्यर्थी को निम्नलिखित प्रमाण पत्र / अभिलेख अनिर्वायतः देना होगा। यह किसी भी स्थिति में वापस नहीं होगा ।
(क) अंतिम छोड़े हुए संस्थान का परित्याग प्रमाण पत्र (मूल प्रति)
(ख) अंतिम उत्तीर्ण परीक्षा (योग्यता प्रदाय परीक्षा) का प्रवेश पत्र (अभिप्रमाणित प्रति)
(ग) अंतिम उत्तीर्ण परीक्षा (योग्यता प्रदाय परीक्षा) का अंक पत्र (आभिप्रमाणित 2 प्रति)
(घ) हाल का खिंचवाया हुआ पासपोर्ट साईज का फोटो (3 प्रति)
जाति आरक्षित अभ्यर्थी
(क.) जाति प्रमाण पत्र (अभिप्रमाणित प्रति)
(ख.) आय प्रमाण पत्र ( मूल प्रति) छः माह के अंदर का बना हुआ । (जाति एवं आय प्रमाण पत्र प्रखण्ड/अंचल कार्यालय से निर्गत होना चाहिए ।)
अन्य अरक्षित अभ्यर्थीः-
संबंधित आरक्षण सम्बंधी प्रमाण पत्र (अभिप्रमाणित प्रति)
- प्रवेश के समय सभी प्रमाण पत्रों की मूल प्रतियों को साथ लाना तथा नामांकन पदाधिकारी के सम्मुख ( प्रस्तुत करना अनिवार्य है ।
प्रवेश हेतु आवेदन / नामांकन प्रपत्र पर अभ्यर्थी के पूर्ण हस्ताक्षार के साथ पिता / माता या स्वीकृत अभिभावक / (यदि माता पिता स्वर्गवासी हों) का हस्ताक्षर अनिवार्य है । यदि किसी स्थिति में अभ्यर्थी, पिता /माता / अभिवाक का हस्ताक्षर जाली या गलत पाया गया हो अभ्यर्थी, को महाविद्यालय से निष्कासित कर दिया जाएगा ।
सामान्यतः संकाय (फैकल्टी ) या विषय परिवर्तन नहीं किया जायेगा । अतः अभ्यर्थी संकाय एवं विषय का चयन सोच – समझकर करें ।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति / बिहार इण्टरमीडिएट शिक्षा परिषद / पूर्णियाँ विश्वविद्यालय के अतिरिक्त अन्य बोर्ड / परिषद् / विश्वविद्यालय से प्रवजन कर प्रवृत्त होने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन के समय या महाविद्यालय के द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रवजन प्रमाण पत्र की मूलप्रति निर्धारित शुल्क के साथ कार्यालय में जमा करना अनिवार्य है ।
- नामांकित सभी छात्र – छात्राओं को सूचीकरण / पंजीकरण कराना अनिवार्य है । सूचीकरण पंजीयन । के बिना छात्र – छात्रा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति या पूर्णियाँ विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति या पूर्णियाँ विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में बैठने के अधिकारी नहीं है ।
- शिक्षण शुल्क एवं अन्य शुल्कों का नामांकन के समय एवं महाविद्यालय के नियमानुसार भुगतान अनिवार्य है । अन्यथा नाम कट जाने की स्थिति में निर्धारित प्रवेश शुल्क लेकर ही पुनः नामांकन किया जाएगा ।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति / विश्वविद्यालय की परीक्षा हेतु उत्प्रेषित ( सेन्ट न्यूनतम 75 प्रतिशत वर्गोपस्थिति अनिवार्य होगी ।
पुस्तकालय एवं बुक – बैंक पुस्तकों की आपूर्ति महाविद्यालय / पुस्तकालय / बुक – बैंक के नियमों के अनुसार एवं पुस्तकों की उपलब्धता पर ही की जाएगी ।
महाविद्यालय अनुशासन, नियमों एवं समय समय पर महाविद्यालय / विश्वविद्यालय से प्राप्त निर्देशों का पालन करना छात्र – छात्राओं के लिए अनिवार्य है ।
महाविद्यालय परिसर के अन्दर अनुशासनहीनता एवं अशिष्टता करने पर इसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी ।
- कोई छात्र छात्रा जिस वर्ष की परीक्षा के लिए उत्प्रेषित हुआ हो उसके बाद स्नातक में मात्र तीन वर्ष तक पूर्ववर्ती (नन – कालेजिएट ) परीक्षा के रूप में परीक्षा देने का अधिकारी है ।
- – नियमित / पूर्ववर्ती छात्र छात्राओं को निर्धारित अवधि तक परीक्षा प्रपत्र शुल्क सहित महाविद्यालय कार्यालय में जमा कर देना होगा ।
महाविद्यालय का सभी शुल्क अदायगी के उपरान्त ही स्थानान्तरण प्रमाण पत्र, महाविद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र एवं चरित्र प्रमाण पत्र आवेदन करने पर दिया जाएगा ।
- स्थानान्तरण प्रमाण पत्र / महाविद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र का शुल्क 150/- (एक सौ पचास रू० ) तथा चरित्र प्रमाण पत्र का शुल्क 100 / – ( एक सौ रू० ) निर्धारित है । आवेदन पत्र के साथ शुल्क जमा करने की तिथि के दूसरे दिन कार्यालय कार्यकाल की समाप्ति के एक घंटा पूर्व उपर्युक्त प्रमाणपत्र छात्र – छात्रा को दिया जाएगा ।
स्थानान्तरण प्रमाण पत्र / महाविद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र खो जाने या नष्ट हो जाने की स्थिति में न्यायिक दण्डाधिकारी से प्राप्त इस आशय का मूल शपथनाम आवेदन पत्र के साथ महाविद्यालय में जमा करने पर, आवश्यक औपचारिकताओं नियमानुसार पूरा करने के बाद निर्धारित शुल्क लेकर ही द्वितीयक निर्गत किया जाएगा ।
छात्राओं से सम्बंधित सूचना सूचना पट्ट पर प्रचारित कर दी जायेगी । सूचनानुकूल कार्य नहीं करने का कारण सूचना नहीं देख पाना, मान्य नहीं होगा छात्राओं को धर्म समझ कर सूचना पट्ट नित्य देख लेना चाहिए |
अनुशासन
अध्यापन काल में शिक्षण काल में कक्षाओं के चारों ओर निरूद्देश्य घूमना या एकत्र होना या किसी भी प्रकार का व्यवधान उपस्थित करना सर्वथा निषिद्ध है ।
प्रधानाचार्य कक्ष, कॉलेज के बरामदों अथवा कार्यालय के आस पास अनावश्यक भ्रमण नियम के प्रतिकूल है ।
कॉलेज के कार्यकाल के बीच होने वाले अवकाश के क्षणों में छात्रों को अपना समय शांतिपूर्वक पुस्तकालय, मनोविनोद – कक्ष अथवा प्रभारी प्राध्यापक से अपनी समस्या के लिए सम्पर्क करना चाहिए ।
साईकिल नियत स्थान को छोड़कर अन्यत्र रखना अशोभन होने के कारण वर्जित है ।
किसी भी तरह का चन्दा प्रधानाचार्य की अनुमति के बिना इकट्ठा करना नियम के विरुद्ध समझा जायेगा । 6. कॉलेज के अन्तर्गत या बाहर छात्रों के किसी भी प्रकार के अशोभनीय आचरण पर सदैव कार्यवाही किया जायेगा ।
कॉलेज के अन्तर्गत या बाहर छात्रों के किसी भी प्रकार के अशोभनीय आचरण पर सदैव कार्यवाही किया जायेगा ।
अध्यापन संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित विषय के दूसरे शिक्षक से सम्पर्क स्थापित करें ।
प्रत्येक सत्र से विद्यार्थी को कॉलेज शुल्क की अदायगी प्रत्येक महीने के अनुसार होगी तथा शुल्क नहीं देने पर उसका नाम नामांकन पुस्तिका से हटा दिया जायेगा और उन्हें उपस्थिति भी नहीं दी जाएगी ।
प्रधानाचार्य ने अपनी कुछ शक्तियाँ प्रभारी अध्यापकों को प्रत्योजित ( डेलीगेट ) कर दी है । अतः छात्रों को प्रभारी अध्यापकों से ही सम्पर्क स्थापित करना चाहिए । सभी सामान्य कार्यों के लिए वे अधिकृत कर दिये गये हैं ।
. कॉलेज की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल दुराचरण या अपराधाचरण करने वाले छात्रों के साथ कठोरता पूर्वक न्याय किया जायेगा और यथापराध उन्हें इस कॉलेज से निष्कासित भी किया जा सकता है । नियंत्रण का किसी भी प्राध्यापक को पदेन अधिकार है । अतः छात्राओं के लिए उनकी आज्ञा का पालन करना अनिवार्य हैं ।
- महाविद्यालय परिसर में / महाविद्यालय की दीवारों पर – थूक / पीक फेंकना, नारा लिखना, अवांछित शब्दों / वाक्यों को लिखना तथा पोस्टर चिपकाना सख्त माना है । ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर | विधिक कार्रवाई की जायगी ।
महाविद्यालय के प्रत्येक छात्र छात्राओं से यह अपेक्षा की जाती है कि महाविद्यालय की सम्पति की सुरक्षा करने में अपना योगदान देगें ।